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प्रकृति पर मेरी कविता

नमस्कार दोस्तों, मेरी ब्लॉग पर यह पहली कविता है में उम्मीद करती हूं आप सब को पसंद आएगी.
आज प्रकृति के सुंदर नजारे को देख कर मन में सुंदर सी पंक्तियां बन गई .
     मेरी कविता

 प्रकृति को देख कर मन  हरसाया है
वृक्षों ने अपना आंचल खूब जमाया है 
हवाओं ने प्यारा शोर मचाया है.....
प्रकृति को देख कर मन हरसाया है....
पानी की बूंदों ने दरिया जमाया है
पर्वतो ने भी क्या खूब झरना बहाया हैं
ओस की बूंदों ने मन को ललचाया है ..
प्रकृति को देख कर मन हरसाया है....
सूरज ने आकर मन को बहलाया है
फूलो और फलों ने भी खूब रंग जमाया है
चांद तारो ने भी प्रकृति को खूब साजाया है..
प्रकृति को देख कर मन हरसाया है।

कविता केसी लगी कॉमेंट कर के अवश्य बताए 
धन्यवाद . सादर जय श्री कृष्णा।

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